कैंसर रोकने में खान-पान की भी है भूमिका

कैंसर रोकने में खान-पान की भी है भूमिका

सुमन कुमार

किसी भी तरह के कैंसर से पहले कोई लक्षण होना जरूरी नहीं है

भारत में हर एक लाख लोगों में से 1.2 से लेकर 1.8 लोग मल्‍टीपल मायेलोमा यानी एमएम नामक बीमारी से ग्रस्‍त हैं। हर वर्ष इसके हजारों नए मरीज सामने आते हैं। औरतों के मुकाबले पुरुष इसके ज्‍यादा शिकार होते हैं। अलग-अलग लोगों में इस बीमाारी के लक्षण अलग अलग होते हैं और शुरुआती अवस्‍था में संभव है कि कोई लक्षण दिखाई ही न दें।

क्‍या है एमएम

एमएम एक तरह का कैंसर है जो शरीर के एक तरह के श्‍वेत रक्‍त कोशिकाओं, जिन्‍हें प्‍लाज्‍मा सेल्‍स कहा जाता है, में विकस‍ित होता है। एमएम बोन मैरो में कैंसर कोशिकाओं को जमा कर देता है और ये कैंसर कोशिकाएं स्‍वस्‍थ रक्‍त कोशिकाओं के मुकाबले संख्‍या में बहुत अधिक बढ़ जाती हैं। इसके बाद बोन मैरो में शरीर के लिए मददगार एंटीबॉडीज बनना बंद हो जाता है औ ये कैंसर कोशिकाएं ऐसे असामान्‍य प्रोटीन का उत्‍पादन करने लगती हैं जो शरीर में जटिलताओं को बढ़ाने लगती हैं।

क्‍या कहते हैं विशेषज्ञ

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के पूर्व अध्‍यक्ष डॉक्‍टर के.के. अग्रवाल कहते हैं कि एमएम का कोई ज्ञात कारण नहीं है। कई फैक्‍टर जिनमें वंशानुगत असामान्‍यता शामिल है इसकी वजह हो सकती है मगर इस रोग के अनुवांशिक होने के कोई स्‍थापित सबूत भी मौजूद नहीं हैं। अन्‍य कारकों में कीटनाशक, बेंजीन, हेयर डाई और किसी तरह का रेडिएशन इस कैंसर की वजह हो सकता है। इसके अलावा किसी प्रकार का संक्रमण भी जिम्‍मेदार हो सकता है। चूंकि एमएम सामान्‍य रक्‍त कोशिकाओं की संख्‍या को कम कर देता है इसलिए इस बीमारी में शरीर में एनीमिया यानी खून की कमी की समस्‍या भी हो सकती है।

लक्षण

यूं तो शुरुआत में इस बीमारी में कोई लक्षण शायद ही दिखें मगर फ‍िर भी इसके लक्षणों में हड्डियों में और उसमें भी खासकर रीढ़ या छाती की हड्डी में दर्द, जी मिचलाना, कब्‍ज, भूख की कमी, भ्रम की स्थिति, थकान, लगातार कोई न कोई संक्रमण रहना, वजन कम होना, कमजोरी या पैरों में सुन्‍नपन और अत्‍यधिक प्‍यास लगना शामिल है।

इलाज

डॉक्‍टर अग्रवाल कहते हैं कि इस कैंसर के इलाज में सबसे महत्‍वूपर्ण तथ्‍य यह है कि मरीज बोन मैरो ट्रांसप्‍लांट के लिए सही कंडीशन है या नहीं। ये मरीज की उम्र, बीमारी के बढ़ने के जोखिम और मरीज की स्‍वास्‍थ्‍य स्थिति पर भी निर्भर है। एमएम के कारण और भी कई जटिलताएं होती हैं और इसलिए इससे पीड़‍ित व्‍यक्ति को उन जटिलताओं को इलाज भी करवाना होता है। इन जटिलताओं में किडनी की समस्‍या और एनिमिया भी शामिल है।

कुछ टिप्‍स

कैंसर रोधी खानपान के जरिये सिर्फ एमएम ही नहीं बल्कि अन्‍य तरह के कैंसर को भी रोका जा सकता है। इसके लिए कुछ टिप्‍स पर अमल करना चाहिए:

प्रोसेस्‍ड या रिफाइंड अनाज के बदले खाने में पूर्ण अनाज को शामिल करें। इसी प्रकार प्रसंस्‍कृति और रेड मीट का इस्‍तेमाल सीमित कर दें। ऐसा भोजन करने की आदत डालें जिससे वजन न बढ़े। यदि आप नियमित रूप से अल्‍कोहल का सेवन करते हैं तो उसे कम करें। पुरुष प्रतिदिन दो पैग और महिलाएं एक पैग तक शराब ले सकती हैं।

Disclaimer: sehatraag.com पर दी गई हर जानकारी सिर्फ पाठकों के ज्ञानवर्धन के लिए है। किसी भी बीमारी या स्वास्थ्य संबंधी समस्या के इलाज के लिए कृपया अपने डॉक्टर की सलाह पर ही भरोसा करें। sehatraag.com पर प्रकाशित किसी आलेख के अाधार पर अपना इलाज खुद करने पर किसी भी नुकसान की जिम्मेदारी संबंधित व्यक्ति की ही होगी।